छत्तीसगढ़

Katghora : पति, जेठ और दो जेठानियों पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज

पति, जेठ और दो जेठानियों पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज

कटघोरा पति, जेठ और दो जेठानियों पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज

कोरबा : कटघोरा थाना क्षेत्र में एक विवाहिता की शिकायत पर पति, जेठ और दो जेठानियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला कटघोरा थाना के अंतर्गत छुरी गांव की निवासी दीप्ति अग्रवाल की ओर से दर्ज कराया गया है, जिन्होंने अपने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

katghora Dahej utpidan Mamla
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विवाह के बाद उत्पीड़न की शुरुआत

दीप्ति अग्रवाल का विवाह गेवरा बस्ती, कुसमुंडा निवासी रवि अग्रवाल के साथ वर्ष 2021 में हुआ था। शादी के शुरुआती कुछ महीनों तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद ससुराल वालों का व्यवहार बदलने लगा। दीप्ति के अनुसार, उसके पति रवि अग्रवाल, जेठ विभोर अग्रवाल और दोनों जेठानियों ने दहेज की मांग करनी शुरू कर दी। जब दीप्ति ने दहेज लाने में असमर्थता जताई, तो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।

थाने में दर्ज कराई शिकायत

इस घटना से परेशान होकर, दीप्ति ने कटघोरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। कटघोरा थाना प्रभारी धरम नारायण तिवारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर पति रवि अग्रवाल, जेठ विभोर अग्रवाल और दोनों जेठानियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 498(A) और 294 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आश्वासन दिया है।

दहेज प्रथा पर बढ़ता सवाल

इस घटना ने एक बार फिर समाज में दहेज प्रथा की कुप्रथा और इसके कारण महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों की ओर ध्यान खींचा है। दहेज उत्पीड़न के मामले न केवल महिला के जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि यह हमारे समाज में जड़ तक फैले उन कुरीतियों को उजागर करते हैं, जिन्हें हमें मिलकर समाप्त करना होगा।

पुलिस की कार्रवाई पर उम्मीदें

थाना प्रभारी धरम नारायण तिवारी ने कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़िता को न्याय मिले और दोषियों को उनके कृत्य के लिए सजा दी जाए। पुलिस का कहना है कि आरोपी पक्ष पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।

समाज को क्या संदेश देती है यह घटना

इस तरह की घटनाएं समाज को यह संदेश देती हैं कि दहेज प्रथा के खिलाफ लड़ाई अब भी अधूरी है। दहेज के नाम पर महिलाओं का उत्पीड़न न केवल उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह भारतीय कानून और नैतिक मूल्यों के खिलाफ भी है।

हमारी जिम्मेदारी

दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और ऐसे मामलों में खुलकर सामने आना समय की मांग है। यह घटना एक उदाहरण है कि पीड़िता ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को लेकर आवाज उठाई और कानूनी सहारा लिया।

अपराधियों को सजा मिलना जरूरी

पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करते हुए पीड़ित को न्याय दिलाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

कटघोरा में दर्ज हुआ यह मामला दहेज उत्पीड़न के खिलाफ एक और कानूनी कदम है। हमें उम्मीद है कि पुलिस की जांच सही दिशा में आगे बढ़ेगी और दोषियों को सजा मिलेगी। यह घटना अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगी कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ें और चुप न रहें।

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