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ये आदतें बढ़ा सकती हैं डायबिटीज का खतरा, समय रहते जागरूक हों

ये आदतें बढ़ा सकती हैं डायबिटीज का खतरा, समय रहते जागरूक हों

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो आज के समय में तेजी से बढ़ रही है। यह समस्या न केवल वयस्कों में बल्कि बच्चों में भी देखी जा रही है। खराब लाइफस्टाइल और गलत आदतों के चलते डायबिटीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर बचपन से ही बच्चों की आदतों पर ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या भविष्य में बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चों की कुछ बुरी आदतें, जैसे गलत खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी, उनमें डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती हैं।

Source : freepik.com
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आइए जानते हैं कि बचपन की कौन-कौन सी आदतें इस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं और इन्हें समय रहते कैसे बदला जा सकता है।


1. फास्ट फूड का बढ़ता क्रेज

आज की पीढ़ी फास्ट फूड की दीवानी हो गई है। पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज जैसे फूड्स बच्चों के फेवरेट बन गए हैं। एक रिसर्च, जो पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित हुई थी, बताती है कि फास्ट फूड खाने की बढ़ती आदत डायबिटीज और मोटापे का खतरा बढ़ा रही है।

फास्ट फूड में कैलोरी बहुत ज्यादा होती है, जबकि इसमें पोषक तत्व न के बराबर होते हैं। जब बच्चे नियमित रूप से फास्ट फूड खाते हैं, तो उनका वजन तेजी से बढ़ता है और यह वजन डायबिटीज का प्रमुख कारण बन सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को लाड़-प्यार में बार-बार फास्ट फूड न खिलाएं। इसके बजाय, घर का हेल्दी खाना खाने की आदत डालें।

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2. मीठे सॉफ्ट ड्रिंक्स का अत्यधिक सेवन

मीठे पेय पदार्थ, जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, शेक्स और पैकेट वाले जूस, बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। 1996-1998 के दौरान 9 से 14 साल के बच्चों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि शुगर युक्त ड्रिंक्स का अधिक सेवन करने वाले बच्चों का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) तेजी से बढ़ा।

शुगर से भरपूर इन पेय पदार्थों में कैलोरी तो बहुत ज्यादा होती है, लेकिन पोषण बिल्कुल नहीं होता। इसके परिणामस्वरूप बच्चों में मोटापा और आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। बच्चों को मीठे ड्रिंक्स से बचाने के लिए उन्हें ताजे फलों का जूस या नारियल पानी पीने की आदत डालें।


3. पैकेट बंद स्नैक्स का चलन

बच्चों को स्नैकिंग का बहुत शौक होता है। यह आदत तब और भी बढ़ जाती है जब पैरेंट्स अपनी व्यस्तता के कारण बच्चों को डिब्बा बंद स्नैक्स, जैसे चिप्स, कुकीज और कैंडी, खाने को दे देते हैं। इन स्नैक्स में ट्रांस फैट, अधिक नमक और शुगर की मात्रा होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

पैकेट बंद स्नैक्स बच्चों को तुरंत भूख मिटाने का विकल्प तो देते हैं, लेकिन यह शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और फैट बढ़ाते हैं। इनसे वजन बढ़ने और डायबिटीज होने का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को ताजे फल, सूखे मेवे या हेल्दी होममेड स्नैक्स खाने को दें।

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4. खाने की मात्रा और पोर्शन साइज का ध्यान न रखना

कई माता-पिता बच्चों को जरूरत से ज्यादा खाना खिलाने की कोशिश करते हैं, जिससे उनकी आदत बिगड़ सकती है। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब बच्चे बार-बार अत्यधिक कैलोरी वाले फूड्स की मांग करने लगते हैं।

अत्यधिक खाने और बार-बार स्नैकिंग से बच्चों का वजन बढ़ सकता है। यह ऊर्जा असंतुलन उनके शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जो डायबिटीज का कारण बनता है। इस समस्या को रोकने के लिए जरूरी है कि बच्चों को उनकी जरूरत के हिसाब से खाना खिलाया जाए और उन्हें हेल्दी फूड्स की तरफ प्रोत्साहित किया जाए।


5. शारीरिक गतिविधियों की कमी

आज के समय में बच्चे खेलने-कूदने से ज्यादा अपना समय टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने और स्मार्टफोन पर बिताते हैं। इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी बच्चों में मोटापे का कारण बनती है। मोटापा डायबिटीज का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। जंक फूड, मीठे पेय और फिजिकल एक्टिविटी की कमी बच्चों को जल्दी बीमार बना सकती है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को एक्टिविटी से भरपूर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्हें खेलने के लिए बाहर भेजें और परिवार के साथ शारीरिक गतिविधियां करें।


डायबिटीज से बचने के लिए क्या करें?

  1. संतुलित आहार:
    बच्चों को हेल्दी फूड्स जैसे हरी सब्जियां, फल, दालें और अनाज खाने की आदत डालें।
  2. मीठे का सेवन कम करें:
    शुगर युक्त ड्रिंक्स और मिठाईयों से बचें। इसके बजाय, हेल्दी विकल्प दें।
  3. एक्टिव लाइफस्टाइल:
    बच्चों को नियमित रूप से खेलने, साइकिल चलाने या किसी भी शारीरिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
  4. डेली रूटीन सेट करें:
    बच्चों के लिए सही समय पर खाना और पर्याप्त नींद सुनिश्चित करें।
  5. फास्ट फूड से दूरी:
    घर का बना पौष्टिक खाना खाने की आदत डालें।

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