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नीति आयोग ने क्यों कहा ऐसा ,अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर में फर्स्ट स्लिप पर खड़ा है भारत

अमेरिका , दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से ट्रेड वॉर चल रहा है। सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग  में कहा है गया कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है। इसमें खास तौर पर उच्च तकनीक उद्योगों में घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने का आह्वान किया गया है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि भारत को चीन प्लस वन रणनीति को अपनाने में अब तक सीमित सफलता मिली है, क्योंकि वियतनाम, थाईलैंड, कंबोडिया और मलेशिया जैसे देश इस बदलाव के बड़े लाभार्थी बनकर उभरे हैं।

अमेरिका ने चीन के विकास और तकनीकी प्रगति के लिए खर्च को सीमित करने के लिए चीनी वस्तुओं पर सख्त एक्सपोर्ट कंट्रोल और टैरिफ लगाए हैं। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। कहा गया है कि अमेरिका के इस कदम ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को चाइनीज मैन्यूफैक्चरिंग का विकल्प तलाशने के लिए प्रेरित किया है। नीति आयोग की अमेरिका और चीन के बीच तनाव तथा टेक ट्रेड वॉर के बारे में विस्तार से बताया गया है।

नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने थिंक टैंक की ट्रेड वॉच तिमाही  के पहले संस्करण के लॉन्च के दौरान कहा, ‘ट्रंप ने अब तक जो भी घोषणा की है, उनके निशाने पर तीन देश हैं। इनमें दो हमारे पड़ोसी हैं और एक दूर का देश है। मुझे लगता है कि यह हमारे पास एक अवसर है। अगर हम पहली स्लिप पर हैं, तो गेंद हमारी दिशा में आ रही है। हम इसे पकड़ेंगे या छोड़ देंगे, मुझे लगता है कि यह हमें देखना है। इसके कारण बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है, लेकिन बहुत बड़े अवसर आने वाले हैं।’

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