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जिस बच्चे की मां को नहीं थी चाह, बड़ा होकर वही बना सिनेमा का स्टार, कपूर खानदान के लाडले की संघर्ष भरी कहानी

पाकिस्तान से मुंबई तक का सफर तय करके उम्दा कलाकार पृथ्वीराज कपूर जब भारतीय सिनेमा में आए तो किसे पता था कि एक दिन फिल्मी दुनिया पर कपूर खानदान का राज चलेगा। कपूर खानदान की चार पीढ़ियां फिल्मों में अभिनय का लोहा मनवा रही हैं। इस फैमिली ने एक से बढ़कर एक कलाकार बॉलीवुड को दिए हैं जिनमें से कुछ सुपरस्टार बने तो कुछ का करियर थोड़े समय के लिए चमका।कपूर खानदान का एक चिराग सिनेमा जगत में आया और अपने भाई व पिता की तरह छा गया।

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गुड लुक्स और उम्दा परफॉर्मेंस से उसने लाखों दिलों को जीत लिया। फिल्मों में एंट्री ली तो सफल भी हुआ, लेकिन असफलता का रस भी चखा। पैसों को तरसा। हम जिस सितारे की बात कर रहे हैं, वो हैं राज कपूर और शम्मी कपूर के छोटे भाई शशि कपूर की।

शशि कपूर ने कई शानदार फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। मगर शायद ही आपको पता हो कि उनकी मां उन्हें जन्म नहीं देना चाहती थीं। उनके पहले से ही दो बच्चे थे और वह नहीं चाहती थीं कि शशि भी जन्मे। ऐसे में उन्होंने कोख में पल रहे बच्चे को गिराने के लिए खूब जतन किया जिसका खुलासा खुद अभिनेता ने फिल्मीबीट को दिए एक इंटरव्यू में किया था।

शशि कपूर ने खुलासा किया था कि उनकी मां ने प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने के लिए कई तरह की कोशिश की। कभी साइकिल से तो कभी सीढ़ियों से गिरीं। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। आखिरकार 18 मार्च 1938 को शशि कपूर का जन्म हुआ। वह अपने पिता के नक्शेकदम पर चले और अभिनय की राह चुनी। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने राज कपूर की फिल्म आग से अपना एक्टिंग डेब्यू किया। वह फिल्म में जूनियर केवल खन्ना यानी राज कपूर बने थे।

फिल्मों में आते ही शशि कपूर की किस्मत चमक गई। बड़े हुए तो उन्हें लीड रोल वाली फिल्में मिलने लगीं। धर्मपुत्र से बतौर लीड हीरो डेब्यू करने के बाद शशि कपूर ने कभी कभी, दीवार, कन्यादान जैसी हिट फिल्मों में काम किया। सफलता के साथ असफलता मिलना तय है और शशि कपूर को भी यह दिन देखना पड़ा। जब असफलता ने शशि के घर का दरवाजा खटखटाया तो उनकी पत्नी जेनिफर केंडल ने उनका बहुत साथ दिया। जब शशि कपूर की फिल्में चलनी बंद हो गई थीं, तब अभिनेता फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजर रहे थे। उस वक्त पैसों के लिए अभिनेता को अपनी फेवरेट स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ गई थी। यहां तक कि जेनिफर ने अपने पति के लिए अपनी कीमती चीजों की कुर्बानी तक दे दी थी।

फिर जब जब फूल खिले से अभिनेता के थोड़े हाल सुधरे और करियर ट्रैक पर लौट आया। सबकुछ सही ही चल रहा था कि तभी 1982 में जेनिफर को कैंसर हो गया और दो साल तक इस बीमारी से लड़ने के बाद 1984 में वह कैंसर से जंग हार गईं। शशि कपूर का भी 4 दिसंबर 2017 में निधन हो गया था। आज भले ही उनके बच्चे फिल्मों में एक्टिव न हों लेकिन उनके पोते जहान कपूर ने जबरदस्त शुरुआत कर ली है। वह नेटफ्लिक्स सीरीज ब्लैक वॉरंट में नजर आ रहे हैं जिसमें उनकी परफॉर्मेंस को खूब सराहा जा रहा है।

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