छत्तीसगढ़

अबोध बेटे ने पिता को दी अंतिम विदाई, पूरा छत्तीसगढ़ हुआ गमगीन

बीजापुर, छत्तीसगढ़. बीजापुर की धरती एक बार फिर लाल हो गई। नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी के 8 जवानों और एक ड्राइवर ने अपनी शहादत दी। इस कायराना हरकत ने छत्तीसगढ़ के दिल को झकझोर कर रख दिया। शहीद जवानों में शामिल बस्तर फाइटर्स के आरक्षक सुदर्शन वेट्टी की शहादत का मंजर ऐसा था, जिसे देखने वालों की आंखें नम हो गईं।

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दंतेवाड़ा जिले के गुमलनार गिरसापारा गांव के सुदर्शन वेट्टी सिर्फ एक जवान नहीं थे, बल्कि अपने परिवार और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव थे। उनके अंतिम संस्कार के दौरान का दृश्य ऐसा था, जिसने हर दिल को छलनी कर दिया। सुदर्शन के केवल दो महीने के मासूम बेटे ने अपने शहीद पिता को अंतिम विदाई दी। वह नन्हा बच्चा जो अभी ठीक से बोल भी नहीं पाता, अपने पिता को खो चुका है। यह पल इतना भावुक था कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू छलक आए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संवेदनशील पोस्ट में सुदर्शन वेट्टी और अन्य शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, “सुदर्शन जी जैसे वीर हमारे छत्तीसगढ़ की शान हैं। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। यह घटना हमें नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाती है।”

इस घटना ने छत्तीसगढ़ के लोगों को गम और गर्व के भाव से भर दिया है। शहीदों के परिवारों का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है, लेकिन उनका बलिदान नक्सल उन्मूलन के संघर्ष में हमारी ताकत बनेगा।

छत्तीसगढ़ की धरती वीरों की गाथाओं से गूंजती रही है, और सुदर्शन वेट्टी का नाम भी हमेशा के लिए इस गौरवशाली इतिहास में दर्ज हो गया। नक्सलियों को यह समझ लेना चाहिए कि हमारे जवानों का बलिदान हमें और मजबूत करेगा। यह नासूर अब ज्यादा दिन नहीं टिकेगा।

शहीद सुदर्शन वेट्टी और उनके साथियों की शहादत को नमन। उनका बलिदान छत्तीसगढ़ की सुरक्षा और शांति के संघर्ष में हमेशा याद रखा जाएगा।

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