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बांग्लादेश की हर नापाक हरकत पर भारत की पैनी नजर, ट्रंप के आने से पहले कुछ बड़ा करेंगे युनूस

बांग्लादेश , में राजनीतिक उठापटक के बाद से भारत के साथ उसके संबंध भी प्रभावित हुए हैं। अब ढाका हाई कोर्ट की तरफ से 2004 के ग्रेनेड हमले में बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान, पूर्व मंत्री लुत्फोज्जमां बाबर और अन्य को बरी करने के फैसले से दोनों देशों के संबंधों में और गिरावट आ सकती है। वहीं, भारत यूनुस सरकार के कदम पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही सवाल है कि क्या युनूस सरकार ट्रंप की यात्रा से पहले कुछ बड़ा कदम उठाएंगे।

हालांकि, यह देखना अभी बाकी है कि क्या इस फैसले से रहमान की ब्रिटेन से बांग्लादेश वापसी का रास्ता साफ होता है। रहमान फिलहाल ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे हैं। रहमान पर आरोप है कि उसने बाबर के साथ मिलकर पूर्वोत्तर के भारत विरोधी विद्रोही समूहों को बांग्लादेश की धरती से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

साल 2004 में, बाबर बीएनपी-जमात शासन के तहत गृह मामलों के राज्य मंत्री थे। उस समय चटगांव बंदरगाह के माध्यम से हथियारों से भरे 10 ट्रकों की तस्करी करने की कोशिश की गई थी। यह हथियार उल्फा और अन्य पूर्वोत्तर विद्रोही समूहों के लिए थे। इसे सतर्क भारतीय एजेंसियों ने विफल कर दिया था। बाबर पर कट्टरपंथियों और आतंकवादियों को बचाने का भी आरोप है। सूत्रों ने कहा कि 10 ट्रक मामले में रहमान की भूमिका को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता।

 

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