अगर भारत में कोई राष्ट्रपति बेटे को माफी देता तो हंगामा खड़ा हो जाता, अमेरिका में कैसे छा गई चुप्पी
अमेरिकी , राष्ट्रपति जो बाइडन ने जाते-जाते अपने बेटे हंटर बाइडन को राष्ट्रपति क्षमादान दिया है। हंटर को दो आपराधिक मामलों में सजा सुनाई गई थी। उन्होंने यह तर्क दिया कि उनके बेटे के खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित था। बाइडन के इस कदम ने अमेरिका में भले ही ज्यादा हंगामा नहीं मचा, मगर यही बात अगर भारत में होती तो महीनों तक हंगामा खड़ा हो जाता। यहां तक कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे न्याय का दुरुपयोग करार दिया है।
भले ही भारत ने क्षमादान की शक्ति अमेरिका से ही ली हो, मगर यहां पर राष्ट्रपति की क्षमादान की ताकत बेहद जटिल है। कोई राष्ट्रपति इसे आसानी से नहीं दे सकता है। सबसे पहले तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की क्षमादान शक्ति को समझते हैं। यह भी समझते हैं कि यह भारत से कितनी अलग है? क्यों भारतीय राष्ट्रपति धड़ल्ले से अमेरिका की तरह माफी नहीं दे सकते हैं।
अमेरिका में चाहे डेमोक्रेट्स हों या रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियों से आने वाले राष्ट्रपतियों ने अपने करीबियों और चहेतों को क्षमादान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने थोक के भाव में माफी दी है। हंटर बाइडन पर दो संघीय आपराधिक मामले चल रहे थे और उन्हें दोषी भी करार दिया गया था। डेलावेयर में चल रहे मुक़दमे में हैंडगन खरीदने के दौरान ड्रग इस्तेमाल को लेकर गलत जानकारी देने के सभी तीन आरोपों में उन्हें दोषी ठहराया गया था। हंटर को इन तीनों ही आरोपों में अधिकतम सजा दी जाती तो उन्हें 25 साल तक की सजा हो सकती थी।