छत्तीसगढ़

आरक्षक सुसाइड मामला, मामले की जांच के लिए आईजी ने किया SIT का गठन

राजनांदगांव. लालबाग क्षेत्र के ग्राम रामपुर के पास आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था. मृतक ने अपने हाथ में लिखा था कि पुलिस भर्ती में कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी संलिप्त हैं. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. आईजी ने मामले की सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच कर 10 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि पुलिस चौकी जालबांधा, जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में पदस्थ आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर पिता चैतराम रत्नाकर का शव 21 दिसंबर शनिवार को ग्राम रामपुर में मिला था. आरक्षक अनिल ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली का खुलासा करते हुए आत्महत्या की थी. मृतक ने अपने हाथ में लिखा था कि सिर्फ कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी संलिप्त हैं. आरक्षक के सुसाइड करने के बाद मामला गरमाया हुआ है. आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी में संलिप्त 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें चार आरक्षक हैं. पुलिस ने परिधि निषाद, योगेश कुमार धुर्वे, पवन कुमार साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम, और पुष्पा चंद्रवशी को गिरफ्तार किया है. आने वाले समय में कुछ अफसरों पर भी गाज गिर सकती है.

आरक्षक की मृत्यु मामले में लालबाग पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है. मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज दीपक झा ने देवचरण पटेल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के नेतृत्व में अखिलेश कौशिक पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला, निरीक्षक अश्विनी राठौर थाना प्रभारी अम्बागढ़ चौकी, सउनि द्वारिका प्रसाद लाउत्रे सायबर सेल जिला राजनांदगांव कुल चार अधिकारियों की विशेष जांच टीम गठित की है. आईजी ने टीम को मामले के सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच कर साक्ष्य संग्रह कर विधिवत कार्यवाही करते हुए 10 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

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