23 घंटे से बोरवेल में हुक पर अटकी है चेतना:44 घंटे से भूखी-प्यासी मासूम,सुरंग खोद रहे, देसी जुगाड़ से भी कोशिश
कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। प्रशासन की फेल प्लानिंग के चलते मासूम 44 घंटे से बोरवेल में फंसी है।
मंगलवार को हुक से ऊपर खींचने के देसी जुगाड़ के फेल होने के बाद से वह 120 फीट पर अटकी है। अब एनडीआरएफ नए प्लान के अनुसार 150 फीट का समानांतर गड्ढा खोद रही है।
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इसके लिए हरियाणा से मंगाई पाइलिंग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही एल बैंड (देसी जुगाड़) से भी चेतना को बाहर खींचने की कोशिश की जा रही है।
इससे पहले मंगलवार शाम तक किए गए चार देसी जुगाड़ में टीमों को सफलता नहीं मिली थी।दरअसल, कीरतपुर के बड़ीयाली की ढाणी की चेतना चौधरी सोमवार दोपहर 2 बजे खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी।
वह करीब 150 फीट की गहराई पर अटकी थी। देसी जुगाड़ (L बैंड) से टीमें चेतना को केवल 30 फीट तक खींचने में कामयाब रहीं। मंगलवार सुबह से चेतना का मूवमेंट भी नहीं दिख रहा है।