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माता-पिता नहीं..बचपन में दादी ने पाला, बालिका गृह में पढ़ाई:राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाली हेमवती की कहानी

कोंडागांव। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों सम्मानित हेमवती नाग से पीएम मोदी ने पूछा आगे क्या सोचा है? हेमवती ने कहा ओलंपिक में पदक लाना है। माता-पिता की मौत के बाद कोंडागांव बालिका गृह पहुंची हेमवती ने साबित कर दिया है, प्रतिभा को केवल अवसर चाहिए।

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव की राष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी हेमवती नाग को राष्ट्रपति ने ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया। हेमवती को विभिन्न स्तर की प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए यह सम्मान मिला है। हेमवती कोंडागांव में ITBP से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।

हेमवती के कोच उदय यादव ने बताया कि हेमवती 10वीं क्लास में पढ़ती है। ग्राम बड़े कनेरा की रहने वाली है। मार्च 2019 में हेमवती के माता-पिता की मृत्यु हो गई थी। बालिका गृह कोंडागांव में रहकर पढ़ाई कर रही है। उन्होंने बताया किया 2020 से हेमवती को जूडो की कोचिंग दे रहे हैं।

अब तक नेशनल में एक गोल्ड, दो सिल्वर, दो कांस्य पदक जीत चुकी है। स्टेट लेवल पर 11 गोल्ड जीते हैं। हेमवती को बचपन में दादी ने ही पाला था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते महिला बाल विकास विभाग हेमवती को कोंडागांव लेकर आई थी।

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