भारतीय शेयर बाजार में आज यानी गुरुवार (28 नवंबर 2024) को भारी गिरावट आई। दोनों प्रमुख सूचकांक यानी सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1 फीसदी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। इस गिरावट के साथ सेंसेक्स 80 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर से एक बार फिर नीचे आ गया है।
यूएस पीसीई मुद्रास्फीति सूचकांक अक्टूबर में बढ़कर 2.8 प्रतिशत हो गया। डेटा के एक अन्य सेट ने दिखाया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में अच्छी रफ्तार से बढ़ी, जिसकी वजह उपभोक्ता खर्च में अच्छी ग्रोथ थी। इस डेटा ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इससे भविष्य में फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती को लेकर चिंता बढ़ गई है। इससे खासकर आईटी शेयरों में जोरदार बिकवाली देखने को मिली।
अमेरिका के तीनों प्रमुख सूचकांक बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। इसका असर आज एशियाई बाजारों पर भी दिखा। ताइवान, हांगकांग, चीन और कोरिया के बाजारों में आज 1.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इसकी चपेट में भारतीय बाजार भी आ गया। हालांकि, जापान का शेयर बाजार अच्छी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। लेकिन, भारतीय बाजार अमेरिका से ज्यादा प्रभावित दिखा।
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स काफी समय से बिकवाली कर रहे थे। उन्होंने अब हल्की-फुल्की खरीदारी शुरू की है। लेकिन, डॉलर का मजबूत होना उभरते हुए बाजारों के लिए घाटे की बात है। डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी के चलते एफपीआई भारतीय बाजार में आक्रामक तरीके से खरीदारी करने से बच रहे हैं। वे ट्रंप की नीतियों और उसे वैश्विक प्रभाव के अधिक स्पष्ट होने का इंतजार भी कर रहे हैं।