पांच वर्ष में बढ़ेंगी 17 करोड़ नौकरियां, खत्म होंगी 9.2 करोड़ Job, पढ़िए किन सेक्टर्स पर गिरेगी गाज

कुशल और सक्षम कार्यबल के संकट से दुनिया के तमाम देश जूझ रहे हैं और इस बीच रोजगार का बाजार नई करवट लेने के लिए तैयार है। निस्संदेह इन दिनों सबसे अधिक चर्चा और चिंता के केंद्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) ही है, लेकिन विश्व श्रम संगठन (आइएलओ) के आंकड़ों के साथ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) द्वारा जारी रिपोर्ट कहती है कि विश्व श्रम बाजार को तकनीकी दखल के सहित ही कई अन्य कारक भी बड़े पैमाने पर प्रभावित करने जा रहे हैं।
इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि वर्ष 2025 से 2030 यानी अगले पांच वर्ष में विश्व में वर्तमान नौकरियों के दृष्टिकोण से कुल 22 प्रतिशत नौकरियां प्रभावित होंगी। इनमें 17 करोड़ नए अवसर तैयार होंगे, जबकि 9.2 करोड़ नौकरियों के खत्म होने का आकलन है। इसके बावजूद रोजगार में सात प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि का अनुमान है।
बर्बरता की हदें पार : पति ने विवाद के बाद पत्नी के साथ की दरिंदगी,फिर गला दबाकर उतारा मौत के घाट
- उद्योग, निवेश, रोजगार और कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं पर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच पर दावोस में चर्चा शुरू हो चुकी है। इस बीच डब्ल्यूईएफ की ताजा रिपोर्ट ‘फ्यूचर आफ जॉब्स रिपोर्ट-2025’ वैश्विक श्रम बाजार के संभावित बदलावों और चुनौतियों की ओर ध्यान आकृष्ट कर रही है।
- इस रिपोर्ट में वर्ष 2030 तक विश्व श्रम बाजार के अनुमानित बदलावों के लिए पांच कारकों को मुख्यत: उल्लेखित किया गया है।
- इनमें तकनीकी परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, जनसांख्यिकीय बदलाव, ग्रीन ट्रांजिशन और भू-आर्थिक चुनौतियां शामिल हैं। विशेषज्ञों ने माना है कि कामकाज में डिजिटल एक्सेस सबसे अधिक परिवर्तन लाने वाला साबित हो सकता है।
- 60 प्रतिशत नियोक्ताओं को उम्मीद है कि यह 2030 तक उनके व्यवसाय को बदल देगा। इसमें विशेष रूप से एआई, सूचना प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, आटोमोटिव आदि की भूमिका होगी।
- इनका नौकरियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। जीवनयापन की बढ़ती लागत कुल मिलाकर दूसरा सबसे परिवर्तनकारी कारक माना जा रहा है।